
आ लौट के आजा हनुमान,
तुम्हे श्री राम बुलाते है।
लक्ष्मण के बचाले प्राण-२,
तुझे श्री राम बुलाते है।।
प्यारे पवन सूत ल्यादे संजीवन,
क्यों अब तक ना आये,
रो-रो कर के मै तुझको पुकारू,
एक वानर है आया,
चहु और दिखे शमशान-२।।
तुम्हे श्री राम बुलाते है……
धरती पे मेरी आँखों का तारा,
घायल अवस्था में सुता,
हाय लखन अपनी माता का,
बेटा है इकलौता,
कब सूद लोगे हनुमान-२।।
तुम्हे श्री राम बुलाते है…….
बीती सारी रेन के अब तो,
क्षण भर भी ना बाकी,
देखत-देखत राह तुम्हारी,
बेरण अखिया थाकी,
सूर्योदय लेगा जान-२।।
तुम्हे श्री राम बुलाते है…….
पहली किरण उगने ना पाई,
ले आये सर जीवन।
मूर्च्छा दूर करी लक्ष्मण की,
तन कर दिना कंचन,
बजरंगी तू ही बलवान।।
तुम्हे श्री राम बुलाते है…..
आ लौट के आजा हनुमान,
तुम्हे श्री राम बुलाते है।
लक्ष्मण के बचाले प्राण-२,
तुझे श्री राम बुलाते है।।
भजन भंडार