
दोहा-संत हमारे सिरधणी,
में संतन की देह।
रोम रोम में रम रया,
प्रभु ज्यू बादल में मेह।।
एकण बार आइजो,
सतगुरु बारंबार आइजो।
धीन गुरूसा म्हारे देश में ओ जी।।
सतगुरु म्हारा फुलड़ा रे,
धीन म्हारा फुलड़ा।
कोई फुलड़ा मोयली वासना ओ जी।।
एकण बार आइजो सतगुरु……..
सतगुरु म्हारी गंगा रे,
धीन गुरु म्हारी गंगा।
कोई गंगा मोयली गोमती ओ जी।।
एकण बार आइजो सतगुरु……..
सतगुरु म्हारी माला रे,
दाता म्हारी माला।
कोई माला मोयला मुंगिया ओ जी।।
एकण बार आइजो सतगुरु……..
सतगुरु म्हारा देवल रे,
धीन गुरु म्हारी देवल।
कोई देवल मोयला देवता ओ जी ।।
एकण बार आइजो सतगुरु……..
सतगुरु म्हारा बादल रे,
धीन गुरु म्हारा बादल।
कोई बादल मोयला बिजली ओ जी।।
एकण बार आइजो सतगुरु……..
सतगुरु रो प्रताप ओ म्हारे,
धीन गुरु रो प्रताप।
कोई जीवन जोशी बोलिया ओ जी।।
एकण बार आइजो सतगुरु……..
भजन भंडार