गजानंद महाराज पधारो, कीर्तन की तैयारी है, आओ आओ बेगा आओ, चाव दरस को भारी है।।
थे आवो ज़द काम बणेला, था पर म्हारी बाजी है, रणत भंबर गढ़ वाला सुणलों, चिन्ता म्हाने लागि है, देर करो मत ना तरसाओ, चरणा अरज ये म्हारी है, गजानन्द महाराज पधारो।।
रीद्धी सिद्धी संग आओ विनायक, देवों दरस धारा भगता ने, भोग लगावा ढोक लगावा, पुष्प चढ़ावा चरणा मे, गजानंद थारा हाथा में, अब तो लाज हमारी है, गजानन्द महाराज पधारो।।
भगता की तो विनती सुनली, शिव सूत प्यारो आयो है, जय जयकार करो गणपति की, म्हारो मन हर्शायो है, बरसैंगा अब रस कीर्तन में, भगतौ महिमा भारी है, गजानन्द महाराज पधारो।।
गजानंद महाराज पधारो, कीर्तन की तैयारी है, आओ आओ बेगा आओ, चाव दरस को भारी है।।