गाया वाला कानजी रे,
थारी गाया ने पाछी घेर,
कुए पर एकली रे,
हो थारी गाया ने पाछी घेर,
कुए पर एकली रे ।
चरती गाया ना मुड़े रे गुजरी,
घूँघट का पट खोल,
कुए पर एकली रे ।
सुसरो म्हारो चौधरी रे कानुड़ा,
सासु बड़ी छे होशियार,
कुए पर एकली रे ।
आभा चमके बिजली रे कानुड़ा,
बरसे है मुसलधार,
कुए पर एकली रे ।
बागा बोले कोयली रे कानुड़ा,
वन में दादुर मोर,
कुए पर एकली रे ।
चंद्र सखी री विनती रे कानुड़ा,
भवजल पार उतार,
कुए पर एकली रे ।