थारी जग मग जोता जागती,
माँ गांव आवरा वाली।
गांव आवरा वाली मैया,
भगता री रखवाली।।
पर्चा थारा है भारी,
सुमरे यो है संसारी।।
थारी जग मग जोता जागती,
माँ गांव आवरा वाली।।
लकवो पल में ठीक करो,
बाजड़िया री गोदभरो।।
थारी जग मग जोता जागती,
माँ गांव आवरा वाली।।
कलयुग में है धाम बड़ो,
भागता रा दुःख दूर करो।।
थारी जग मग जोता जागती,
माँ गांव आवरा वाली।।
लाल चुनरिया है प्यारी,
शोभा जग सु है न्यारी।।
थारी जग मग जोता जागती,
माँ गांव आवरा वाली।।
मेलो लागे है भारी,
दर्शन आवे नर नारी।।
थारी जग मग जोता जागती,
माँ गांव आवरा वाली।।
दास अशोक सुणावे है,
चरणा शीश नमावे है।।
थारी जग मग जोता जागती,
माँ गांव आवरा वाली।।
थारी जग मग जोता जागती,
माँ गांव आवरा वाली।
गांव आवरा वाली मैया,
भगता री रखवाली।।
भजन भंडार