
निन्द्रा बेच दू कोई ले तो,
रामो राम रटे तो तेरो मायाजाल कटेगो,
भाव राख सतसंग में जावो,
चित में राखो चेतो,
हाथ जोड़ चरणा में लिपटो,
जे कोई संत मिले तो,
निन्द्रा बेच दू कोई ले तो,
रामो राम रटे तो तेरो मायाजाल कटेगो,
पाई की मण पाँच बेच दू,
जे कोई ग्राहक हो तो।
पाँचा में से चार छोड़ दू,
दाम रोकड़ी दे तो,
निन्द्रा बेच दू कोई ले तो,
रामो राम रटे तो तेरो मायाजाल कटेगो,
बैठ सभा में मिथ्या बोले,
निन्द्रा करै पराई।
वो घर हमने तुम्हें बताया,
जावो बिना बुलाई,
निन्द्रा बेच दू कोई ले तो,
रामो राम रटे तो तेरो मायाजाल कटेगो,
के तो जावो राजद्वारे,
के रसिया रस भोगी,
म्हारो पीछो छोड़ बावरी,
म्हे हाँ रमता जोगी,
निन्द्रा बेच दू कोई ले तो,
रामो राम रटे तो तेरो मायाजाल कटेगो,
ऊँचा मंदिर देख जायो,
जहाँ मणि चवँर ढुलावे,
म्हारे संग क्या लेगी बावरी,
पत्थर से दुख पावे,
निन्द्रा बेच दू कोई ले तो,
रामो राम रटे तो तेरो मायाजाल कटेगो,
कहे भरतरी सुण हे निन्द्रा,
यहाँ न तेरा बासा,
म्हें तो रहता गुरु भरोसे,
राम मिलण की आशा,
निन्द्रा बेच दू कोई ले तो,
रामो राम रटे तो तेरो मायाजाल कटेगो,