बन्नो मारो चारभुजारो नाथ,
बन्नी मारी तुलसा लाडली।।
विनायक रिद्धि सिद्धि संग लाया जी,
रसोड़े कुबेर भंडार खुलाया जी,
गंधर्व गीत गजब का गाया,
बन्नी तो मारी तुलसा लाडली।।
बन्नो मारो चारभुजारो नाथ……
देवकी वासुदेव हर्षाया,
यशोदा नंदजी पाट बैठाया,
सुभद्रा घी का दीप संजोया,
बन्नी मारी तुलसा लाडली।।
बन्नो मारो चारभुजारो नाथ…….
बाराती शिव ब्रह्मा मन भाया जी,
गरुड़ चढ़ लक्ष्मी पति भी आया,
ऐरावत इन्दर चढ़ आया,
बन्नी मारी तुलसा लाडली।।
बन्नो मारो चारभुजारो नाथ…….
बिहारी गुरु रघुवीर संग में आया जी,
चेतन मन का फूल बिछाया जी,
भगता मिलकर भगवत सजाया,
बन्नी मारी तुलसा लाडली।।
बन्नो मारो चारभुजारो नाथ…….
उमर भर गणा भजन सुनाया,
कदी नहीं अस्या विन्द परणाया,
ओंकारा थारी मोटी किस्मत भाया,
बन्नी मारी तुलसा लाडली।।
बन्नो मारो चारभुजारो नाथ,
बन्नी मारी तुलसा लाडली
भजन भंडार