बारम्बार करू में थाने विनती,
म्हारी जोगणिया ऐ माँ,
ओ म्हारी जगदम्बा ए माँ,
कठे तो लगाईं अतरी देर हो मैया जी
काई थारो रथड़ो अटक्यो रेत में,
म्हारी जोगणिया ऐ माँ,
काई थाने भगत लिया घेर,
ओ जगदम्बा।।
बारम्बार करू में थाने विनती……
काई थारे पग में कांटो भागियो,
म्हारी जोगणिया ऐ माँ,
काई थारो थक गयो शेर,
ओ जगदम्बा।।
बारम्बार करू में थाने विनती……
काई थे तो सुता सुख भर नींद में,
म्हारी जोगणिया ऐ माँ,
काई थे तो काना सु होगा बेर,
ओ जगदम्बा।।
बारम्बार करू में थाने विनती……
दुर्गा मंडल री सुणजो विनती,
म्हारी जोगणिया ऐ माँ ,
राखो म्हारी चुड़ला पे मेर
ओ मैया जी।
बारम्बार करू में थाने विनती,
म्हारी जोगणिया ऐ माँ,
ओ म्हारी जगदम्बा ए माँ,
कठे तो लगाईं अतरी देर हो मैया जी
भजन भंडार