मनिहारी का भेष बनाया,
श्याम चूड़ी बेचने आया,
झोली कंधे धरी,
उसमें चूड़ी भरी,
गलियों में शोर मचाया,
श्याम चूड़ी बेचने आया,
मनिहारी का भेष बनाया…….
राधा ने सुनी,
ललिता से कही,
मोहन को तुरन्त बुलाया,
श्याम चूड़ी बेचने आया,
मनिहारी का भेष बनाया…….
चूड़ी लाल नहीं पहनूँ,
चूड़ी हरी नहीं पहनूँ,
मुझे श्याम रंग है भाया,
श्याम चूड़ी बेचने आया,
मनिहारी का भेष बनाया…….
राधा पहनन लगी,
श्याम पहनाने लगे,
धीरे से हाथ बढ़ाया,
श्याम चूड़ी बेचने आया,
मनिहारी का भेष बनाया…….
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