मुरलीधर घनश्याम श्याम थारी मुरली प्यारी रे,
जादूगर जादूगर जादूगरी रे…….
मुरली या मीरा ने मोही अरे बांस की मुरली तोड़ी,
राधा के चित चोर कन्हेया, कृष्ण मुरारी रे,
मुरलीधर घनश्याम श्याम थारी……..
मुरली में मोहन की माया आज तलक कोई ना पाया,
लूट-लूट कर माखन खाया,कृष्ण मुरारी रे,
मुरलीधर घनश्याम श्याम थारी……..
सात सूरा की मुरली बाजी राधा जी को मनड़ो राजी,
राधा के चित चोर कन्हेया,कृष्ण मुरारी रे,
मुरलीधर घनश्याम श्याम थारी……..
तीन लोक की मुरली न्यारी, शंकर के डिमरू से प्यारी,
के मीरा संग प्रीत लगाईं,कृष्ण मुरारी रे,
मुरलीधर घनश्याम श्याम थारी……..