मोहन आवो तो खरी,
गिरधर आवो तो खरी।
माधव रा मंदिर में,
मीरा बाई एकली खड़ी।
थे केवो तो सांवरा म्हे,
मोर मुकुट बन जाऊ।
पेरन लागो श्याम धणी,
थारे मस्तक पर रम जाऊ।
मोहन आवो तो खरी……..
थे केवो तो सावरा म्हे
काजलियो बन जाऊ।
सुरमो सारे श्याम धणी,
थारे नेना में बस जाऊ।
मोहन आवो तो खरी……..
थे केवो तो सावरा म्हे
हिवडे हार बन जाऊ।
पेरन लागो श्याम धणी,
थारे हिवड़ा पे मंडराऊ।
मोहन आवो तो खरी……..
थे केवो तो सावरा म्हे
जल जमुना बन जाऊ।
नाचन लाग्यो श्याम धणी,
थारे अंग-अंग राम जाऊ।
मोहन आवो तो खरी……..
थे केवो तो तो साँवरा म्हे
पग पायल बन जाऊ।
पेरण लागो सांवरो ,
थारे चरण कमल लिपटाऊ।
मोहन आवो तो खरी……..
बाई मीरा रा गिरधर नागर,
चरण कमल री दासी।
गोपिया रा श्याम आगे,
बाँध घुँघरा नाची।
मोहन आवो तो खरी……..
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