सांवरिया ले चल परली पार,
कन्हैया ले चल परली पार,
जहाँ बिराजे राधा रानी अलबेली सरकार
सांवरिया ले चल परली पार।।
गुण अवगुण सब तेरे अर्पण,
पाप पुण्य सब तेरे अर्पण।
बुद्धि सहित मन तेरे अर्पण,
ये जीवन भी तेरे अर्पण।
मै तेरे चरणों की दासी,
मेरे प्राण आधार।।
साँवरिया ले चल परली पार…
तेरी आस लगा बैठी हूँ,
लज्जा शील गवा बैठी हूँ।
आँखे खूब पका बैठी हु,
अपने आप लूटा बैठी हु।
साँवरिया मैं तेरी रागिनी,
तू मेरा मल्हार ॥
साँवरिया ले चल परली पार…
जग की कुछ परवाह नहीं है,
तेरे बिना कोई चाह नहीं है।
कोई सूझती राह नहीं है,
तेरे मिलान की चाह बड़ी है।
मेरे प्रीतम, मेरे माली,
अब करदो बेडा पार ॥
साँवरिया ले चल परली पार…
आनंद धन यहाँ बरस रहा है,
पत्ता-पत्ता हर्ष रहा है।
हरी बेचारा तरस रहा है,
पि-पि करके बरस रहा है।
बहुत हुई अब हार गई में,
मेरे प्राण आधार।।
साँवरिया ले चल परली पार…
सांवरिया ले चल परली पार,
कन्हैया ले चल परली पार,
जहाँ बिराजे राधा रानी अलबेली सरकार
सांवरिया ले चल परली पार।।
भजन भंडार