Share this...WhatsappFacebookTwitterदोहा-संत हमारे सिरधणी,में संतन की देह।रोम रोम में रम रया,प्रभु ज्यू बादल में मेह।। एकण बार...
भजन की लिरिक्स
कृपया कॉपी न करे नहीं तो आप के खिलाफ कारवाई की जायेगी। धन्यवाद