
देशडलों रंग रूड़ो रे,
नहीं भावे म्हारो।
कोनी पेरूली थारो चूड़ो रे,
नहीं भावे म्हारो।
थारे देशां में राणा साधु नहीं थे,
लोग बसे सब झूठा।
नहीं भावे थारो देशडलों रंग रूड़ो,
नहीं भावे म्हारो।
काजल टीकी राणा, मैं सब कुछ छोड़ा,
छोड़्यो माथे वालो जूड़ो रे।
नहीं भावे थारो देशडलों रंग रूड़ो,
नहीं भावे म्हारो।
हार श्रृंगार राणा, सब कुछ त्यागा,
त्याग्यो बयाँ वालो चूड़ो रे।
नहीं भावे थारो देशडलों रंग रूड़ो,
नहीं भावे म्हारो।
माखण मिश्री राणा, सब कुछ छोड़ा,
छोड़्यो शक्कर ने गुड़ो रे।
नहीं भावे थारो देशडलों रंग रूड़ो,
नहीं भावे म्हारो।
तन की आस राणा, मैं कबहुँ न कीनी,
ज्यूँ रण में शूरा।
नहीं भावे थारो देशडलों रंग रूड़ो,
नहीं भावे म्हारो।
मीरा कहे गिरधर नागर मेरो,
वर पायो मैं पूरो।
नहीं भावे थारो देशडलों रंग रूड़ो,
नहीं भावे म्हारो।