दुनिया में देव हजारो है,
मेरे बालाजी का क्या कहना।
इनकी शक्ति का क्या कहना,
इनकी भक्ति का क्या कहना।।
ये सात समंदर लांध गए,
गढ़ लंका में सिया लेने गए।
रावण को डराना क्या कहना,
लंका को जलाना क्या कहना।।
दुनिया में देव हजारो है……..
जब लक्ष्मण जी बेहोश हुए,
संजीवनी बूटी लाने गए।
पर्वत को उठाना क्या कहना,
लक्ष्मण को जीवाना क्या कहना।।
दुनिया में देव हजारो है……..
के खुद आकाशा उड़ गए,
वे खुद सूरज से भीड़ गए।
सूरज का निगलना क्या कहना,
धरती से उछलना क्या कहना।।
दुनिया में देव हजारो है……..
बनवारी इनके सीने में,
सियाराम की जोड़ी बैठी है।
ये राम दीवाना का क्या कहना,
गुण गाए ज़माना क्या कहना।।
दुनिया में देव हजारो है,
मेरे बालाजी का क्या कहना।
इनकी शक्ति का क्या कहना,
इनकी भक्ति का क्या कहना।।
भजन भंडार