थारो मंदिरयो लागे सोवणो,
ओ जोगणिया मारी माँ।
मै तो आया-आया शरण रे माय रे,
जोगणिया मारी जगदम्बा।।
तू है भक्ता री मोटी मावड़ी,
ओ जोगणिया मारी माँ।
थारे आवे-आवे आस री लगाय,
ओ जोगणिया मारी जगदम्बा।।१।।
थारी महिमा रो कोणी पार है,
ओ जोगणिया मारी माँ।
थू तो लेवे-लेवे हिरदे लगाय,
ओ जोगणिया मारी जदम्बे।।२।।
दुखड़ा लावे है थारे बारणे,
ओ जोगणिया मारी माँ
थू तो काटे-काटे बेडिया तमाम,
ओ जोगणिया मारी जगदम्बे।।३।।
थारे पालणियो द्वारे बांधियो,
ओ जोगणिया मारी माँ
मारी गोदी में -२ खिलाया फुलड़ा लाल,
ओ जोगणिया मारी जदम्बे।।४।।
थारो वदावो अठे गाविया,
ओ जोगणिया मारी माँ
थारे चरणा में -२ गावे दुर्गा मंडल,
ओ जोगणिया मारी जगदम्बे।।
भजन भंडार