मै माखन नहीं खायो मोरी मैया-२,
झूठो नाम लागयो मैया मेरो-२।।
भोर भए गउन के पीछे,
मधुबन मोहे पढ़ायो री,
चार पहर बंसी वन भटक्यो,
सांझ पढ़े ने घर आयो री।।
मै माखन नहीं खायो मोरी मैया-२,
झूठो नाम लागयो मैया मेरो-२।।
मै बालक बहियन को छोटो,
छिको किस विध पायो री,
ग्वाल बाल सब पैर पड़े है,
बरबस मुख लिपटायो री।।
मै माखन नहीं खायो मोरी मैया-२,
झूठो नाम लागयो मैया मेरो-२।।
तू जननी जिय की अति भोरी,
इनके कहे पति आयो री,
तेरे जिया में भेद फरक है,
जान परायो जायो री।।
मै माखन नहीं खायो मोरी मैया-२,
झूठो नाम लागयो मैया मेरो-२।।
ये ले अपनी लकुटी कमरिया,
बहुत ही नाच नचायो री,
सूरदास अब प्रीत यशोदा,
लेऊ री कण्ठे लगाया री।।
मै माखन नहीं खायो मोरी मैया-२,
झूठो नाम लागयो मैया मेरो-२।।
भजन भंडार