
🛕 मंडफिया बिराजे साँचो सेठ साँवरिया
(Sanwaria Seth Bhajan – Mandfiya Mandir)
मंडफिया बिराजे साँचो सेठ साँवरिया,
सब का संकट काटे रे,
जग में पूजा वे मारो सेठ साँवरिया,
सब का दुखड़ा मेटे रे……
भोला गुजर ने देख्यो सेठ सपना में,
ग्वालो दरशन पायो रे,
ग्वालो तो थाने निज घर लयो रे……
बागुंड छापर में प्रगट्यो सेठ साँवरिया,
मंडफिया माँ पूजावे रे,
जगत थारा दर्शन पावे रे……
मंदिर बन्यो है घणो सोवणो,
मंडफिया में शोभा भारी रे,
साँवरिया थारी मूरत प्यारी रे………..
झूलणी ग्यारस को मेलो जोर को,
साँवरियो झूलण जावे रे,
भगत सब नाचे गावे रे,
रंग उड़ावे रे….
भगता री भीड़ अपार,
साँवरिया थारे दर पे आवे रे,
साँवरिया थाने लाड लड़ावे रे,
साँवरियो सब की आस पुरावे रे,
शरणे आया ने राखो लाज,
साँवरिया थांक आशीष माँगे रे,
साँवरिया चरणे शीश झुकावे रे,
साँवरिया थांका गुण सब गावें रे……..