
मेंहदी रची थारे हाथा में | राजस्थानी दुर्गा माता भजन लिरिक्स हिंदी में
मेंहदी रची थारे हाथा में,
उड़ रहयो काजल आंख्या में,
चुंड़ी रो रंग सुरंग म्हारी चामुंडा
अरे चाँद उग्यो ओ राता में,
फूल उग्यो रण बागा में,
थारो ऐसो सुहाणौ रूप म्हारी दुर्गा माँ।।
मेंहदी रची थारे हाथा में … औहौ।।
अरे रूप सुहाणौ जद सु दैख्यौ,
निंदडली नहीं आंख्या ने,
भूल गई सब कामा ने … औहौ
याद करूं थारे नाम ने,
माया रो छुटो संग म्हारी चामुंडा ।।
मेंहदी रची थारे हाथा में … औहौ।।
विचेडी नगरी माता आप वीराजौ,
कारज सारो माँ, कारज सारो,
औ थारा दर्शन करबा, (दोहराव)
आवे या दुनिया सारी औ माँ,
जय हो थारी मैया… (दोहराव)।।
थे कहो तो माता मैं तो नथणि बन जाऊं,
नथणि बन जाऊं … थारा मुखड़ा पे रम जाऊं,
बोर गूथऊ थारे माथा पे,
चुड़ळो मँगाओ थारे हाथा में,
बण जाऊँ बाजूबंद म्हारी चामुंडा ।।
थे कहो तो माता मैं तो पायलड़ी बन जाऊं,
पायलड़ी बन जाऊं … थारा चरणा में रम जाऊं,
फूल बिछऊ थारा पावा में,
नित नित दर्शन आवा मैं,
नैणा में करलु बंद म्हारी चामुंडा ।।
मेंहदी रची थारे हाथा में,
उड़ रहयो काजल आंख्या में,
चुंड़ी रो रंग सुरंग म्हारी आम्बे माँ।।