
राधा सुनी सुनी लागे,
मारा श्याम बिना।
श्याम बिना घनश्याम बिना,
राधा सुनी सुनी लागे,
मारा श्याम बिना।
सागर नदिया जल बिन सुना,
सिप मोती बिना।
बिना ज्योति अखिया है सुनी,
होली रंग बिना।
राधा सुनी सुनी लागे…
कलम बिना कागज है सुनो,
पतंग डोर बिना।
बिना बाती रा दिवला सुना,
पंछी पंख बिना।
राधा सुनी सुनी लागे…
मणिया बिना माला है सुनी,
काया प्राण बिना।
बिना सूरज आकाश है सुनो,
धरती कर्म बिना।
राधा सुनी सुनी लागे…
बिना बलद गाड़ी है सुनी,
खेत बाड़ बिना।
बिना गुरु के ज्ञान है सुनो,
निर्धन माया बिना।
राधा सुनी सुनी लागे…
बिना देवत मंदरियो सुनो,
बाण धनुष बिना।
बिन शिवजी कैलाश है सुनो,
हनुमत राम बिना।
राधा सुनी सुनी लागे…
प्रेम बिना जीवन है सुनो,
भक्ति भाव बिना।
बिना भगत भगवान सुनो,
सुरेश भजन बिना।
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