तर्ज – म्हारा सांवरिया सिरमौर……….
श्री ईडाणा की बोल थारा हिरदा रा पट खोल,
द्वार तेरे आये है जग के झंझट छोड़,
भक्त पुकारे कलयुग में मां वेगा आवो दौड़।।
1. पापो का भार चढ़ा महि पर, पृथ्वी पर प्रकटे है निश्चर,
खड्ग उठा भू भार मिटा दे, बेडीया का सर तोड।।
भक्त पुकारे कलयुग में मां वेगा आवो दौड़……….
2. सुरसंतन की मां रखवाली, देवो की आफत को टाली,
रूपकली में धार ईडाणा, पण बैठी बण ठोड।।
भक्त पुकारे कलयुग में मां वेगा आवो दौड़……….
3. थानक की शोभा है प्यारी, थारी गोर वरण मूर्ति प्यारी,
छत्र मुकुट नथड़ी सिर टीका, पग पायल की जोड़।।
भक्त पुकारे कलयुग में मां वेगा आवो दौड़……….
4. कण कण के माय समाय रही, थारे लाल ध्वजा फहराय रही,
पंगलिया ने पगा चलाता, थे तोड़या वारा बोल।।
भक्त पुकारे कलयुग में मां वेगा आवो दौड़……….
5. मेवल मगरा री रखवाली, दरशन ने आवे नरनारी,
आयो शरण उतारो मैया, अरज करे कर जोड़।।
भक्त पुकारे कलयुग में मां वेगा आवो दौड़……….