तर्ज – ये माना मेरी जा……….
ये माना बालाजी दिलदार तुम हो, मगर दिल लूटाने में हम कम नही है,
तुम से ही लेकर तुम ही पे लुटाये, मगर दिल लूटाने में हम कम नही है।
1. हमारी कहानी तुम्हे क्या सुनाए,रो-रो के हमने दिन है बिताए,
के तेरी कसम हम सच कह रहे है, तुम्हारे से बढ़ कर कसम ही नही है,
ये माना बालाजी दिलदार तुम हो, मगर दिल लूटाने में हम कम नही है,
तुम से ही लेकर तुम ही पे लुटाये, मगर दिल लूटाने में हम कम नही है।
2. तुमको ही चाहा तुमको ही ध्याया, खुद भूखे रह कर तुझको खिलाया,
की एक दिन जरा सा भूखे रह के देखो, कहोगे की हम में दम ही नही है,
ये माना बालाजी दिलदार तुम हो, मगर दिल लूटाने में हम कम नही है,
तुम से ही लेकर तुम ही पे लुटाये, मगर दिल लूटाने में हम कम नही है।
3. ये माना तुम्हारा सब कुछ दिया है, प्रेम भी हमने तुमसे किया है,
कि इक बार प्रेम को दरस देके देखो, कहोगे की तुम भी कुछ कम नही हो,
ये माना बालाजी दिलदार तुम हो, मगर दिल लूटाने में हम कम नही है,
तुम से ही लेकर तुम ही पे लुटाये, मगर दिल लूटाने में हम कम नही है।