जय आद शक्ति जगदम्बे,
अरज सुन अम्बे,
ओ आवरा वेगा पधारो जी,
कर मंगल दंगल में आज,
सिद्ध कर काज हमारो जी।
पर्वत मेवाड़ मूलक में,
प्रकटी आद भवानी।
क्षत्राणी जगजानी वेद बखानी,
तू शिव पटरानी।
शिव की शक्ति सुन टेर करो मत देर,
बिगड़े सब काज सुधारो जी।।
कर मंगल दंगल में आज,
सिद्ध कर काज हमारो जी।
जग जननी महिषासुर हननी,
सुर संतन रखवाली।
महाकाली करुणा सुन फ़ोरन,
देवो की विपदा टाली।
कर सहाय सदा संभावी,
गावे गुण कवि,
विघन हर दया विचारो जी।।
कर मंगल दंगल में आज,
सिद्ध कर काज हमारो जी।
सुनते है शंकरी चरण ले,
पल में पाप नशावे।
जो ध्यावे फल पावे अपंगु की,
काया पलट हो जावे।
कर महर मेरे पर मात,
रटु दिन रात,
मुझे एक तेरो सहारो जी।
कर मंगल दंगल में आज,
सिद्ध कर काज हमारो जी।
महाशक्ति बन सरस्वती शुभ,
मति बक्शो मोरी मैया।
माना जी बद्री है भक्त,
सूत शान्ति मोहन कन्हैया।
कवि चेनराम हर बार है ताबेदार,
नानू निज दास तिहारो जी।।
कर मंगल दंगल में आज,
सिद्ध कर काज हमारो जी।
भजन भंडार