पावो में घुंघरू बांध के नाचे,
जपे राम की माला,
बजरंग बाला होए-२
औ बजरंग बाला।।
सीताराम ही राम पुकारे-२,
सिया राम के काज सारे।
सिया की सुध लेने खातिर,
पहुचे लंक में लाला।।
बजरंग बाला होए-२
औ बजरंग बाला।।
तेरे बल का तो पार न पाया,
पल में समुन्दर पार कराया।
मात सिया की खबर को लेकर,
आ गया हनुमत बाला।।
बजरंग बाला होए-२
औ बजरंग बाला।।
तुम सा देव नहीं कोई भाई,
तेरा ऋषि मुनि ध्यान लगावे।
उन पर कृपा करो बजरंगी,
लाल लंगोटे वाला।।
बजरंग बाला होए-२
औ बजरंग बाला।।
तेरी माया तो देव बखानी,
तेरी निर्मल गावा वाणी।
तेल सिंदूर चढ़ावे तेरे,
उसका तू रखवाला।।
बजरंग बाला होए-२
औ बजरंग बाला।।
तेरा रात रे दिन जस गाव,
तेरा निशदिन ध्यान लगावा।
नैया मेरी फंसी भंवर में,
पार लगाने वाला।।
बजरंग बाला होए-२
औ बजरंग बाला।।
तेरा हरि कीर्तन में गावा,
तुझे चाहे जहा में पावा।
बंशीधर का तू बजरंगी,
तू रात दिन रखवारा।।
बजरंग बाला होए-२
औ बजरंग बाला।।
भजन भंडार