मात मेरी जग्दम्बे बड़ी जगपालन भजन
(तर्ज-दमा दम मस्त कलंदर )
दोहा -अष्ट पहर चौसठ घडी,
सिवरू तोय।
पट मंदिर का खोल दो,
मैया दार्शन देवो माय।।
मात मेरी ओ मात मेरी,
जग्दम्बे बड़ी जगपालन,
देखो ना बैठी माँ,
बना अति सुन्दर मंदिर,
अनोखा प्यारा मंदिर,
जगत से न्यारा मंदिर।।
दरस किये आनंद हो जावे,
आशा तृष्णा मात भुलाये,
आशा जी घर प्रकट भयी जगतारण।।
देखो ना बैठी माँ……
आते यहाँ पर कई नर नारी,
जय जय जय माँ मात पुकारे,
पलमाही ये अर्ज सुने सुख तारण।।
देखो ना बैठी माँ…….
मै भी आया मैया द्वार तिहारे,
में जानु मैया मुझको तारे,
क्यों ना करो अपराध मेरा किस कारण।।
देखो ना बैठी माँ……..
चैन राम भेरू बंशीधर,
केसे कन्हैया काम मनोहर,
मोहन नाना चरण पड़े नारायण।।
देखो ना बैठी माँ………
मात मेरी ओ मात मेरी,
जग्दम्बे बड़ी जगपालन,
देखो ना बैठी माँ,
बना अति सुन्दर मंदिर,
अनोखा प्यारा मंदिर,
जगत से न्यारा मंदिर।।
भजन भंडार