दोहा- देवा में देवी बड़ी,
बड़ी ब्रह्माणी मात।
हाथ जोड़ अर्ज करू,
मैया कर जो म्हारी सहाय।।
सात रे भाया रे बीच बेनड लाडली जी,
केसर बाई घणी खमा-२,
आवरा में घणी मोटी धाम मैया जी।।
आसाजी का घर में पधारिया जी,
पालने में झूले घणी खमा।
हिंदा पर हिंदिया घणी खमा,
राठोड़ी वंश अवतार।।
सात रे भाया रे बीच बेनड लाडली जी,
केसर बाई घणी खमा-२,
आवरा में घणी मोटी धाम मैया जी।।
कुल तो कीदो है ऊंचो नाम,
जग जरणी अम्बा घणी खमा।
करती भुजलम्बा घणी खम्मा,
डूबती नैया ने लेवे थाम।।
सात रे भाया रे बीच बेनड लाडली जी,
केसर बाई घणी खमा-२,
आवरा में घणी मोटी धाम मैया जी।।
मीरा री धरा पे मेवाड़ रे में,
पर्चा भारी घणी खम्मा।
आवे नर नारी घणी खम्मा,
ऊँचा-ऊँचा विकट पहाड़।।
सात रे भाया रे बीच बेनड लाडली जी,
केसर बाई घणी खमा-२,
आवरा में घणी मोटी धाम मैया जी।।
पांगला पंगु माँदा आविया,
चाले दौड़े घणी खम्मा।
चोडे धाड़े घणी खम्मा,
गुंगा माँ थारे आगे आया।।
सात रे भाया रे बीच बेनड लाडली जी,
केसर बाई घणी खमा-२,
आवरा में घणी मोटी धाम मैया जी।।
राकेश मनोज जगन्नाथ,
माता के चरणा घणी खम्मा
रेवे शरणा घनी खम्मा,
नारायण जोड़े दोनों हाथ।।
सात रे भाया रे बीच बेनड लाडली जी,
केसर बाई घणी खमा-२,
आवरा में घणी मोटी धाम मैया जी।।
भजन भंडार