बिगड़ी मेरी बनादे,
ए शेरों वाली मैया,
अपना मुझे बनाले,
ए मेहरों वाली मैया,
दर्शन को मेरी अखियाँ,
कब से तरस रहीं हैं,
सावन के जैसे झर झर,
अखियाँ बरस रहीं हैं,
दर पे मुझे बुला ले,
ए शेरों वाली मैया,
बिगड़ी मेरी बनादे,
ए शेरों वाली मैया,
अपना मुझे बनाले,
ए मेहरों वाली मैया,
आते हैं तेरे दर पे,
दुनिया के नर और नारी,
सुनती हो सब की विनती,
मेरी मैया शेरों वाली,
मुझ को दर्श दिखा दे,
ए मेहरों वाली मैया,
बिगड़ी मेरी बनादे,
ए शेरों वाली मैया,
अपना मुझे बनाले,
ए मेहरों वाली मैया,
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