जब जब भीड़ पड़ी भक्ता में,
सिंह सवारी आप करे,
तीन लोक और चौदह भवन में,
मात आवरा राज करे हो जी,
राजस्थान चितोड़ जिला में,
मुल्क मेवाड वास करे,
आशाजी राठौड वंश में,
बाई केसर नाम धरे हो जी,
जब जब भीड़ पड़ी भक्ता में…….
मज मंगरा और जंगल झाडी,
नाहरिया अरकार करे,
कई दुखिया पड़या द्वार पे,
हरदम जय जय कार करे हो जी,
जब जब भीड़ पड़ी भक्ता में…….
सात बारात परणावा आई,
आशाजी मन सोच करे,
तुरंत मात परचा दिखलाया,
धरती पे विश्राम करे हो जी,
जब जब भीड़ पड़ी भक्ता में…….
जंगी जबरी धाम हो वेला,
आशा आशीर्वाद सरे,
कई पांगलिया पगे चले ला,
कोई कोडीया रो कलक झड़े,
जब जब भीड़ पड़ी भक्ता में…….
कर घट में प्रकाश भवानी,
शब्द ज्ञान भंडार भरे,
आशावरा की चरण शरण में,
यो उकारो या अरज करे हो जी,
जब जब भीड़ पड़ी भक्ता में,
सिंह सवारी आप करे,
तीन लोक और चौदह भवन में,
मात आवरा राज करे हो जी,