मै भीलण भिखियारी,
सदा रे शिव मत कर प्रीत हमारी,
भोला रे शिव मत कर प्रीत हमारी हो जी,
भू मंडल कैलाश बीच में,
शिवजी ध्यान लगायो हो,
झाझर री झणकार बाजी ओ,
शिवजी पलक उघाड़ी,
मै भीलण भिखियारी,
सदा रे शिव मत कर प्रीत हमारी…….
गैर घुमारो पेर घाघरो,
ओढ़ कसुमल साडी हो,
केवे शिवजी सुणो भीलणी,
कौन पुरुष कौन नारी,
मै भीलण भिखियारी,
सदा रे शिव मत कर प्रीत हमारी…….
मारे घर में भंवर भील है,
उड़ता पंछी मारे हो,
तोहे मार सी माने ले जासी,
पत दोनों की जासी,
मै भीलण भिखियारी,
सदा रे शिव मत कर प्रीत हमारी…….
केई-केई दानव आगे मारीया,
भील कणी रे लेखे हो,
जटा मुकुट में थाने छिपा लेऊ,
भील कटा सु देखे,
मै भीलण भिखियारी,
सदा रे शिव मत कर प्रीत हमारी…….
एक घर में पार्वती और,
दूजी जटा में गंगा हो,
तीजी शिवजी माने ले जासी,
नित रा हो सी दंगा,
मै भीलण भिखियारी,
सदा रे शिव मत कर प्रीत हमारी…….
पार्वती ने पीहर भेज दू,
गंगा भरे जल पानी,
तीन लोक के तख्त बिराजो,
था घर री पटरानी,
मै भीलण भिखियारी,
सदा रे शिव मत कर प्रीत हमारी…….
सिंह चढ़ु तो डर मोहे लागे,
बेल चढ़या भय भारी,
रथ पालकी में चढ़यो नी जावे,
कदी न चालु पाली,
मै भीलण भिखियारी,
सदा रे शिव मत कर प्रीत हमारी…….
ना बैठाऊ थाने सिंह,
ना बैठाऊ रथ गाडी,
शिवजी केवे सुणो भीलणी,
बैठो पीठ हमारी,
मै भीलण भिखियारी,
सदा रे शिव मत कर प्रीत हमारी…….
मोची बनकर माने छली जद,
मै बन गई भीलरानी,
केवे शिवजी सुणो भीलणी,
नागा री गत न्यारी जाणी,
मै भीलण भिखियारी,
सदा रे शिव मत कर प्रीत हमारी,
भोला रे शिव मत कर प्रीत हमारी हो जी,
भजन भंडार