कल्लाजी आपरो,
भारी लागो दरबार,
भारी लागो दरबार,
कल्लाजी आपरो
भारी लागो दरबार,
भारी लागो दरबार,
कल्लाजी आपरो,
भारी लागो दरबार।।
बावन गढ़ का गढ़पति,
ओर सिरदारा सिरमोड,
महाबली बलवान शिरोमणि,
क्षत्रिय वंश राठौड़,
पधारो मारा कुंवर कल्ला राठौड़,
कुँवर कल्ला राठौड़,
पधारो दाता कुँवर कल्ला राठौड़।।
चितौड़ गढ़ में सिर कटा,
धड़ गिरा सलुम्बर थोड़,
बेरया ने काट मुगला,
ने भगाया अरे फते तो करि रे चितौड़,
पधारो मारा कुंवर कल्ला राठौड़,
कुँवर कल्ला राठौड़,
पधारो दाता कुँवर कल्ला राठौड़।।
तो महाराणा सांगा ओर,
कुम्भा हुए अमर सिंह राठौड़,
उदय सिंह जी उदयपुर बसायो,
या छोटी मोटी डूंगर छोड़,
पधारो मारा कुंवर कल्ला राठौड़,
कुँवर कल्ला राठौड़,
पधारो दाता कुँवर कल्ला राठौड़।।
तो गांव धनेट के मांगीलालजी,
ब्रामण ओर जात है गुर्जर गोड़,
दया विचारों कष्ट निवारो,
यो मारो जिलो है गढ़ रे चितोड़,
पधारो मारा कुंवर कल्ला राठौड़,
कुँवर कल्ला राठौड़,
पधारो दाता कुँवर कल्ला राठौड़।।
कल्लाजी आपरो,
भारी लागो दरबार,
भारी लागो दरबार,
मेरे दाता,
भारी लागो दरबार,
भारी लागो दरबार,
कल्लाजी आपरो,
भारी लागो दरबार।।