(तर्ज – कौन दिशा में लेके चला रे)
कौन दिशा में मेरो बैठो रे साँवरियो,
लेके हाथ मुरलिया, प्यारे बंसी के बजाईया,
जरा दर्शन दे, दर्शन की बलिहार।।
आगे आगे राम चलत है,
पीछे लक्ष्मण भैया,
जिनके बीच मे चलत जानकी,
शोभा वरणी न जाइये,
कौन दिशा में मेरो…
सावन बरसे भादवो गरजे,
पवन चले पुरवईया,
कौन से वृक्ष के नीचे खड़े हैं,
राम लखन सिया मईया,
कौन दिशा में मेरो…
राम बिना मोरी सुनी रे अयोध्या,
लक्ष्मण बिन ठकुरईया,
सीता बिना मोरा सुना रे रसोड़ा,
कौन करे चतुरईया,
कौन दिशा में मेरो…
रावण मार राम घर आये,
घर घर बढ़त बढईया,
मात कौशल्या करत आरती,
तुलसीदास जस गईया,
कौन दिशा में मेरो…
कौन दिशा में मेरो बैठो रे साँवरियो,
लेके हाथ मुरलिया, प्यारे बंसी के बजाईया,
जरा दर्शन दे, दर्शन की बलिहार।।