तर्ज – नखरालो देवरियो……….
थारी महिमा है अपरंपार, मण्डफिया का बाबा श्यामधणी।।
1. पित वस्त्र पीताम्बर सोहे गल वैजंती माला,
काना में थारे कुंडल सोहे नैना लागे काला,
तेरे सिर पर हो ओsss, छत्र हज़ार।।
मण्डफिया का बाबा श्यामधणी……….
2. मण्डफिया नगर में आप बिराजो सारे जग के दाता,
शरण तुम्हारी जो कोई आता मुँह मांगा फल पाता,
बाबा भक्तो के हो ओsss, हो सिरतार।।
मण्डफिया का बाबा श्यामधणी……….
3. मण्डफिया वाले श्याम बिहारी तेरी लीला न्यारी,
भक्तो की तो डूबती नैया तूने पल में तारी,
कलयुग के हो ओsss, तुम अवतार।।
मण्डफिया का बाबा श्यामधणी……….