(तर्ज- डस गया कालो नाग रे)
रोए तेरा भाई रे मेरे लखन लाल रे,
छाती भर आई भैया पड्यो बेहाल में,
ओ घर से चले थे भैया हम तीनो साथ रे,
माता सुमित्रा जी ने भेजा मेरे साथ रे,
हो क्या मै कहूंगा भैया,मत छोड़ो साथ रे,
छाती भर आवे भैया……..
हो तुमने कहा था भैया साथ में निभाउंगा,
लंका पूरी से मैया जानकी को लाऊंगा,
ओ लंका में सिया रोवे,यहाँ तेरा राम रे,
छाती भर आवे भैया……..
ओ हाय बेरी मेघनाथ, केसो मारयो बाण रे,
हो जुल्म कियो रे पापी तूने मेरे साथ रे,
अपने पिता की सौगंध,लेउ तेरो प्राण रे,
छाती भर आवे भैया……..
हो चले जब हनुमत किन्ही ललकार रे,
दिन उगने से पहले लायो बूँटी जाय के,
हो भुजा आसमान दिखे, जाय हनुमान रे,
छाती भर आवे भैया……..
हो सिया जी को लेके जब आए श्री राम रे,
श्यामू और भंवरा गावे चरणों में ध्यान रे,
हो जगन्नाथ लाला गाए बारम्बार रे,
छाती भर आवे भैया……..