तर्ज – सौ साल पहले………
बम – बम करता भोला आया नन्द द्वार पे,
दरश करादे मैया तेरे नन्दलाल के।।
1. सुन अलख – अलख की फेरी, यशोदा बाहर आई,
भर मोतियन थाल की भिक्षा, लेकर वो बाहर आई,
भिक्षा लेकर जाओ जोगी, सोया मेंरा लाल है।।
दरश करादे मैया तेरे नन्दलाल के……..
2. मैं भिक्षा का नही भुखा, मैया सुनले अर्जी मेरी,
तेरे लाल के दरश करादे, मैया हो रही मुझको देरी,
श्याम के दर्शन बिना, जिया बेकरार है।।
दरश करादे मैया तेरे नन्दलाल के……..
3. तुझे श्याम के दरश करा दु, क्या मुख से तू है बकता,
तेरी देख भयानक सूरत, मुझको तो है डर लगता,
कंस का भेजा छलिया, आया मेरे द्वार पे।।
दरश करादे मैया तेरे नन्दलाल के……..
4. बिन दरश किये नही जाऊ माता, मति विचारी हैं,
तेरे लाल की सुण के मैया, मैंने ये फकीरी धारी,
लिनी फकीरी मैया, इसके ही नाम से।।
दरश करादे मैया तेरे नन्दलाल के……..
5. यू देख यशोदा बोली, बाबा गुस्सा तुम न करियो,
मैं ले आउ मेरे लाल को, तुम दर्शन लो करियो,
शंकर ने खोली पलके, दर्शन भगवान के।।
दरश करादे मैया तेरे नन्दलाल के……..