भुली आई म्हारा कान्हा जमना किनारे पे म्हारी ओढ़नी,
ल्यादे म्हारी ओढ़नी मैं देउ गला रो हार रे।।
भुली आई म्हारा कान्हा जमना किनारे पे म्हारी ओढ़नी……….
1. लाख रुपिया री ओढ़नी रे मैं तो ओढ़ी रे वार त्योहार,
अल्ला रे पल्ला पर हीरा, जड़िया लाख हजार रे।।
भुली आई म्हारा कान्हा जमना किनारे पे म्हारी ओढ़नी……….
2. कठे है थारो सासरो रे कठे है थारो पीर,
कणी राजा री बाजो डावड़ी, काई है तुम्हारो नाम रे।।
भुली आई म्हारा कान्हा जमना किनारे पे म्हारी ओढ़नी……….
3. गोकुल म्हारो सासरो रे मथुरा म्हारो पीर,
चंद्रभान री बाजू डावड़ी, राधा रंगीली म्हारो नाम रे।।
भुली आई म्हारा कान्हा जमना किनारे पे म्हारी ओढ़नी……….
4. सासु म्हारी एबली रे नणदल है होशियार,
परण्यो म्हारो गणो हठीलो, होटा मेले चार रे।।
भुली आई म्हारा कान्हा जमना किनारे पे म्हारी ओढ़नी……….
5. चन्द्रसखी ब्रज बाल की शोभा सुण जो कृष्ण मुरार,
ल्यादे म्हारी ओढ़नी, मैं राखु हिरदा रे माय रे।।
भुली आई म्हारा कान्हा जमना किनारे पे म्हारी ओढ़नी……….