Share this...WhatsappFacebookTwitterतर्ज – कजरा मुहब्बत वाला………. आवो सत्संग में अंबे, अंबे करके भुज लंबे, होकर के सिंह...
राजस्थानी भजन
Share this...WhatsappFacebookTwitterदोहा – “मन मरी न ममता मरी और मर-मर गया शरीर,आशा तृष्णा न मरी तो कह...
Share this...WhatsappFacebookTwitterदोहा – आया हे सो जायेगा राजा रंक फ़क़ीर, एक सिहांसन चढ़ चढ़े एक बंदे जंजीर...
Share this...WhatsappFacebookTwitter सियाराम हरे सियाराम हरे, घनश्याम हरे सियाराम हरे, श्री राम जब शिवरी के घर पर...
Share this...WhatsappFacebookTwitterदोहा – आया है सो जाएगा,राजा रंक फकीर। कोई सिहासन चढ़ चला, कोई बंधा जंजीर।। ...
Share this...WhatsappFacebookTwitterघणी-घणी खम्मा म्हारी आवरा मात ने,चालो भाया चाला आपा आवरा मात रे-2,अरे शरणा में आयो मैया-2,आयो...
Share this...WhatsappFacebookTwitterमारा रे जीवन री गाड़ी रो ड्राइवर,मंडफया रे वालो साँवरियो (श्यामधणी) -2,मै थारा चलाया चालू लो,हो...
Share this...WhatsappFacebookTwitterदोहा – पैर पिछाणी मोजड़ी नार पिछाणी नेह,शब्द पिछाणी पारखी मोर पिछाणी मेह।। दुश्मन की कृपा...
Share this...WhatsappFacebookTwitterभजना में जावा कोनी दे,सतसंग में जावा कोनी दे,आछी तो परणाइ रे नुगरा माल में, के...
Share this...WhatsappFacebookTwitterदोहा – जनम मीरा थारो मेड़ते,मरुधर जिणरो देश,दुदा जी री लाडली प्रभु,कीदो भगवा वेश।। ओ जी...