सूरज रा अवतारी ओं शनिशचर भाण रा अवतारी रे,
सूरज रा अवतारी ओं……..
धरती ने लागा,आसमान ने लागा,
लागा तो नवलख तारा ने,
चाँद सूरज ने एसो लागो,
जनम ग्रहण कर डाला रे,
सूरज रा अवतारी ओं……..
राजा ने प्रजा ने लागा,
लागा तो दुनिया सारा ने,
राजा हरिशचंद्र ने एसो लागो,
भरिया निज घर पाणी रे,
सूरज रा अवतारी ओं……..
नदी लाग,नाला ने लागा,
लागा समुन्दर सारा रे,
रतनासागर ने एसो लागो,
वीर खारा कर डाला रे,
सूरज रा अवतारी ओं……..
राम रे,लक्ष्मण ने लागा,
लागा रे सीता माता ने,
राजा दशरथ ने एसो लागो,
जनम अंत कर डाला रे,
सूरज रा अवतारी ओं……..
लंका जाय लंका ने लागा,
कुम्भकरण बलकारी ने,
राजा रावण ने एसो लागो,
कुटुम्भ नाश कर डाला रे,
सूरज रा अवतारी ओं……..
कौरवा ने लाग, पाण्डवा ने लागा,
लागा तो द्रोपदी माता ने,
हनुमान ने एसो लागो,
अवध में टांग टुटाई रे,
सूरज रा अवतारी ओं……..
शनिश्चर जी री लावणी रे,
गावू में बारम्बार रे,
जागा हो तो गंगा नहाया,
सोया तो दुख पाया रे,
सूरज रा अवतारी ओं……..
भजन भंडार