
म्हारो दूध क्यों लजायो रे,
बेटा हनुमान
बेटा हनुमान म्हारा,
लाला हनुमान।
मारू धार पहाड़ फट जावे,
एसो दूध पिलायो,
जनक सुता ने रावण ले गयो
माने आके तो आकर के,
बेटा तू मुख क्यों बतायो रे।
म्हारो दूध क्यों लजायो रे……..
ऐसा तेरा राम लखन है,
जो थने पायक बणायो,
श्री राम की लेकर आज्ञा
सारी तो लंका ने बेटा,
उठा क्यों ना लायो रे।
म्हारो दूध क्यों लजायो रे……..
इतने वचन सुने बजरंग ने,
नैना नीर भर आयो,
पूरब पश्चिम भेली कर दू,
जदी तो जाणोला,
माँ माने अंजनी को जायो रे।
म्हारो दूध क्यों लजायो रे……..
तुलसीदास आस रघुवर की,
प्रभु चरण गुण गायो,
द्रोणागिरी पर्वत ने लायो जद,
भरत भाई ने,
बाण तो लगाया रे।
म्हारो दूध क्यों लजायो रे,
बेटा हनुमान
बेटा हनुमान म्हारा,
लाला हनुमान